खुशबू से महकता रोजगार
अगरबत्ती निर्माण का कारोबार एक बेहतरीन स्वरोजगार के रूप में उभर रहा है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों की घरेलू महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस व्यवसाय से जुड़ना पसंद कर रही हैं. कम लागत के साथ शुरू किये जानेवाले इस व्यवसाय को अपनी आमदनी का जरिया बना कर आप भी रोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.
ले सकते हैं प्रशिक्षण
अगरबत्ती निर्माण के व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए किसी डिग्री या डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसके लिए व्यावहारिक ज्ञान और बाजार की जरूरतों को समझने की योग्यता ही काफी होती है. हां, मगर पढ़े-लिखे होने पर व्यापार को आपकी शैक्षिक योग्यता का लाभ जरूर मिलता है और आपके पास तरक्की के ज्यादा अवसर होते हैं. इस उद्योग की बारीकियों को समझने के लिए आप किसी संस्थान से प्रशिक्षण भी ले सकते हैं. आज खादी ग्रामोद्योग आयोग, गांधी दर्शन राजघाट जैसे कई सरकारी और निजी संस्थान अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण दे रहे हैं. यदि आप खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण लेते हैं, तो काम की शुरुआत करने के लिए आपको संस्थान से काफी सुविधाएं भी मिल जाती हैं. अगर आपके पास अगरबत्ती का काम ज्यादा मात्र में है, तो संस्था आपका माल भी खरीद सकती है. वहीं संस्था अगरबत्ती निर्माण करने के लिए आपको वाजिब दामों में रॉ-मैटेरियल भी उपलब्ध करा सकती है. भारत सरकार ने व्यवसाय के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाये हैं. मसलन योग्यता और अनुभव के आधार पर कई बैंक महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं.
आवश्यक सामग्री व निर्माण प्रक्रिया
अगरबत्ती निर्माण के लिए आपको कच्चे माल की आवश्यकता पड़ती है. कच्चे माल में लकड़ी, सफेद चंदन, लकड़ी का कोयला (चारकोल), राल, गूगल, सुगंधित तेल, सेंट, स्ट्रीक, कच्चा धागा, मोम आदि शामिल होता है. इसके अलावा परात, टब और लकड़ी की चौकीनुमा मेज की भी जरूरत पड़ती है. ये सभी सामग्री आपको किसी भी शहर या गांव में आसानी से मिल सकती है. वहीं कच्चे माल व अगरबत्ती निर्माण की आवश्यक सामग्री को खरीदने के लिए आपको बड़ी राशि खर्च करने की जरूरत भी नहीं पड़ती. 10 से 15 हजार रुपये की लागत के साथ आप आसानी से इस काम की शुरुआत कर सकते हैं. अगरबत्ती निर्माण की प्रक्रिया काफी सरल है. अगरबत्ती बनाने के लिए सबसे पहले सफेद चंदन और लकड़ी के कोयले को अच्छी तरह पीस लिया जाता है. इसके बाद गूगल को पानी में मिला कर उसकी लेई बना ली जाती है. इसमें पीसा हुआ सफेद चंदन, राल और लकड़ी का कोयला (चारकोल) मिला दिया जाता है. इस प्रकार यह मसाला तैयार हो जाता है. इस गूंथे हुए मसाले को बांस की सींकों पर लगाया जाता है.
ले सकते हैं घरवालों की मदद
आप अगरबत्ती का कारोबार अपने घर के सदस्यों के साथ मिल कर शुरू कर सकते हैं. अगर एक व्यक्ति के पास इसकी जनकारी है, तो वह दूसरों को काम करने का तरीका बता कर काम को आगे बढ़ा सकता है. अगर आपको लगता है कि काम बड़े स्तर पर शुरू करना है, तो आप रोजगार की तलाश करनेवाले अन्य लोगों को भी इस काम से जोड़ सकते हैं. ऐसा करने से आप तो अच्छा मुनाफा कमायेंगे ही, दूसरों को रोजगार भी दे सकेंगे.
एक कमरे में हो सकती है शुरुआत
इस काम की शुरुआत करने के लिए बड़े कारखाने या बड़ी जगह की जरूरत नहीं पड़ती. आप एक या दो कमरे में आसानी से इस व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं. यह पूरी तरह से प्रदूषण रहित लघु कुटीर व्यवसाय है. हां, मगर अगरबत्ती निर्माण के लिए खुली जगह का चयन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसी जगह में अगरबत्ती की खुशबू उड़ जाती है.
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